(१)
चाँद उठता है तो तम दूर चला जाता है,
प्यार की छाँव में गम दूर चला जाता है,
चलती राहों पे अपना प्यार लुटाने वालो,
इश्क की ओट में ईमान छला जाता है।
(२)
एक मैं हूँ की मुझे भूल याद आती है,
एक वो हैं कि उन्हें याद भूल जाती है,
याद औ' भूल में बस फर्क सिर्फ़ इतना है,
एक रोती है , मगर एक मुस्कुराती है।
(३)
राज़ तो राज़ है, खोला नहीं जाता,
ईमान की हर बात को तोला नहीं जाता,
दिल के जज़्बात का हर लफ्ज़ जब बनकर आंसू,
आँख पर आ जाए तो, बोला नहीं जाता।
दोहे, गुरु पूर्णिमा (डॉ. रूप चन्द्र शास्त्री 'मयंक')
5 हफ़्ते पहले
राज़ तो राज़ है, खोला नहीं जाता,
जवाब देंहटाएंईमान की हर बात को तोला नहीं जाता,
दिल के जज़्बात का हर लफ्ज़ जब बनकर आंसू,
आँख पर आ जाए तो, बोला नहीं जाता। ,
teenon hi muktak behatareen. bahut bahut mubarakbaad.