गुरुवार, 7 मई 2009

चंद मुक्तक..

(१)
चाँद उठता है तो तम दूर चला जाता है,
प्यार की छाँव में गम दूर चला जाता है,
चलती राहों पे अपना प्यार लुटाने वालो,
इश्क की ओट में ईमान छला जाता है।
(२)
एक मैं हूँ की मुझे भूल याद आती है,
एक वो हैं कि उन्हें याद भूल जाती है,
याद औ' भूल में बस फर्क सिर्फ़ इतना है,
एक रोती है , मगर एक मुस्कुराती है।
(३)
राज़ तो राज़ है, खोला नहीं जाता,
ईमान की हर बात को तोला नहीं जाता,

दिल के जज़्बात का हर लफ्ज़ जब बनकर आंसू,
आँख पर आ जाए तो, बोला नहीं जाता।

1 टिप्पणी:

  1. राज़ तो राज़ है, खोला नहीं जाता,
    ईमान की हर बात को तोला नहीं जाता,
    दिल के जज़्बात का हर लफ्ज़ जब बनकर आंसू,
    आँख पर आ जाए तो, बोला नहीं जाता। ,

    teenon hi muktak behatareen. bahut bahut mubarakbaad.

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